माझ्या कविता - By Sanjay Ronghe
पाने की है तमन्ना खोने का हो डर । जो भी है दीलमे मेरे कह दू तुम्हे अगर ।
कैसे सवारू मै यादे भूल न पाई कभी । याद तुम्हे है या नही लगता कह दु सभी ।
दूर जितनी हो तुम सोच कहती पास हो । पता नहीं दिलं को मेरे लगती तुम सास हो । Sanjay R.
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