Sunday, April 14, 2019

" हवा के संग "

पता तो पात्तोंको भी नही पता
कब  कैसे वह छूट जायेंगे ।
फिर भी हिलते है संग हवाके
सोचते हम भी हवा हो जायेंगे ।
Sanjay R.

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