माझ्या कविता - By Sanjay Ronghe
ना रखना उलझन तुम दिलमे रखा तुमको ही हमने मनमे । क्या माँगे अब हम खुदासे जब याद तुम्हारी आये हमको तब तुम आना हमारे सामने । Sanjay R.
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