ये दिल क्या कहता है
मैं सोचू कुछ और ।
करता कुछ और पर
चाहता दिल कुछ और ।
'तेरी तारीफ मे कही
शब्द मेरे कम ना पडे ।
हर अदा तुम्हारी क्यू
दिलको हमारे छेडे ।
आपमें वो जादू है
चाहे जो हमे बना दो ।
बस पनाह दिलमे देना
और ईश्कमे खो जाने दो ।
दिल तो है एक परिनदा
आसमान छुने की आस ।
पल भर मे जब लौट आये
देखो चल रही है सास ।
Sanjay R.
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