माझ्या कविता - By Sanjay Ronghe
सजना तुम सवरना तुम देखकर आईना । रूप तुम्हारा सुंदर इतना कुछ हमको है कहेना । हिरा हो, या तुम मोती दिलका हमारे हो गहेना । खो न जाना कभी दिलमे ही तुम रहेना । बसा लिया है आखोमे ना आसू बनकर बहेना । Sanjay R.
Post a Comment
No comments:
Post a Comment