आखोंमे बुंदे कितनी
गिनू मै जितनी ।
अनमोल वह मोती
किमत है उतनी ।
छिपा है दर्द उसमे
दिलकी भी कहानी ।
टपकते जब कभी
ना समझो पानी ।
हसते हसते कभी
कहे मै दिवानी ।
गालो पर थमे तो
याद आये सुहानी ।
हो बरसात कभी
लगे आसमानी ।
रोक करभी रुकेना
बस करे मनमानी ।
Sanjay R.
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