Friday, December 24, 2021

आखोमे आसू कितने

आखोंमे बुंदे कितनी
गिनू मै जितनी ।
अनमोल वह मोती
किमत है उतनी ।

छिपा है दर्द उसमे
दिलकी भी कहानी ।
टपकते जब कभी
ना समझो पानी ।

हसते हसते कभी
कहे मै दिवानी ।
गालो पर थमे तो
याद आये सुहानी ।

हो बरसात कभी
लगे आसमानी ।
रोक करभी रुकेना
बस करे मनमानी ।
Sanjay R.


No comments: