Friday, July 20, 2018

" प्यार ही प्यार "

बात है कुछ पहलेकी

दिन  हुवे हो दो चार ।


उमडा था दिलमे 

यूही मेरा प्यार ।


देखकर उनको

दिलमे हुई बहार ।


हसता चेहरा भोली सुरत

गाल गुलाबी जैसे अनार ।


सुंदरसी चमकीली आखे

ओठ शराबी गलेमे हार ।


जी कहेता रहा

कैसे करू मै दिदार ।


झोका हवाका आये

और तूट जाये दिवार ।


उलझन मी था दिल

किससे करू तकरार ।


कह दे वह कुछ भी

ना करू इनकार ।


करू मै उनसे

बस प्यार ही प्यार ।


बुझा दो बुझा दो

अब दिलमे लगी अंगार ।

Sanjay R.


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