माझ्या कविता - By Sanjay Ronghe
चोरो की फौज यहा भारी किताबे तक छपवा लेते सारी ।। अब तो जित जाता है चोर दुनिया बस इसिसे है हारी ।। प्रतिभा तो है लिखाने वालोकी सम्मान चोरका यही दुनियादारी ।। Sanjay R.
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