माझ्या कविता - By Sanjay Ronghe
लिखाना तुम एक लब्ज अपनी कलमसे.... शायद वह दिल ही होगा हमारे अंदाज से.... सोचते है बस दिलमे बैठते जब सुकून से.... खो जाते है युही यादोमे पुछ्ते हाल यादो से.... Sanjay R.
Post a Comment
No comments:
Post a Comment