माझ्या कविता - By Sanjay Ronghe
चाहीये अब इंसान ना हो वह महान ना हो भगवान बस हो थोडा ज्ञान चलेगा कुछ अज्ञान पुरा करे कुछ अरमान और लगे मेरी शान धुंड रहा हु मैं जहान दो मुझको वो इंसान होगा मुझपे एहासान Sanjay R.
Post a Comment
No comments:
Post a Comment