Friday, May 31, 2019

" जिंदगी हो तुम "

याद जब तुम आती हो
कितना मुझे सताती हो ।
आहट जब सूनता दिल
तबही निकल जाती हो ।

दिलमे है ख्वाब बहोत
निंदसे क्यू जगाती हो ।
जी लेती एक ख्वाब कभी
क्यू युही मुस्कुराती हो ।

बित गई अब कितनी राते
रोज एक चिराग जलाती हो ।
जिंदगी हो तुम मेरी
कभी हसाती कभी रुलाती हो ।
Sanjay R.

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