माझ्या कविता - By Sanjay Ronghe
ना उनको है खबर ना हमको है खबर । बात दिलकी हो जब थोडा तो हो सबर । दिल दे आवाज जब दिलको कहा खबर । आखे धुंडती तब नहीं दिलको सबर । कुछ कहती है आखे और हो जाता असर । ओठ ना कह पाते कुछ बस सहता दिल ही असर । Sanjay R.
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