माझ्या कविता - By Sanjay Ronghe
तुम हो जहाँ वहा दिवार ना हो । हम भी हो वहा पर दिदार ना हो । दिलमे आस वही पर इजहार ना हो । इंतजार दो लब्जोका पर खो न जाये कही । कह दो तुम आज होगा दिल सही । Sanjay R.
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