माझ्या कविता - By Sanjay Ronghe
एक अनजानीसी थी वह रात । चांदनी की चांदसे मुलाकात । लीये थे दोनो हातोमे हात । चांदने कही दिलकी बात । कितना अतुट दोनोका साथ । Sanjay R.
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