Wednesday, November 15, 2017

" लगे बादल भी रोने "

क्या लिख्खे हम
कहानी जिंदगी की
कलम मे स्याही
कुछ थम सी गयी है ।
Sanjay R.

निकले थे जब हम
बादलोको छुने
याद तुम्हारी आइ और
लगे बादल भी रोने ।
Sanjay R.

ये बादल ये हवा
कहती है कुछ
चल ले चल मुझे
कदम दो कदम कुछ ।
Sanjay R.

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