माझ्या कविता - By Sanjay Ronghe
क्या लिख्खे हम कहानी जिंदगी की कलम मे स्याही कुछ थम सी गयी है । Sanjay R.
निकले थे जब हम बादलोको छुने याद तुम्हारी आइ और लगे बादल भी रोने । Sanjay R.
ये बादल ये हवा कहती है कुछ चल ले चल मुझे कदम दो कदम कुछ । Sanjay R.
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