Thursday, December 22, 2022

मै भी हु वही

मीलना मै चाहू तुझसे
पर कैसे कहू ।
अंजानी यह दोस्ती
मै कैसे कहू ।

चाहत दीलमे इतनी
तूही बता कैसे रहू ।
यादे भी अब रुकती नही
बता कैसे रहु ।

आखे धुंडती तुझे सदा
मै क्या कैसे सहू ।
बेचैन है यह दिल
मै कैसे कैसे सहु ।

आ लौट के तू आ
मै तो वही हू ।
चाहत भी मेरी है वही
मै भी वही हू
Sanjay R.


No comments: