" माझे मन "
माझ्या कविता - By Sanjay Ronghe
Sunday, October 10, 2021
नाविक
नाविक मी या नौकेचा
जीवन हे अथांग सागर ।
दूर शोधतो मी तो किनारा
पोटाला हवी एक भाकर ।
Sanjay R.
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