माझ्या कविता - By Sanjay Ronghe
कैसे मै मनाऊ तुम्हे कैसे समाझावू तुम्हे । देखकर राह तुम्हारी कुछ तो हो रहा हमे ।
हालत क्या दिलकी कैसे कहू मै तुम्हे । ख्वाईश दिलमे मेरे हसता देखू तुम्हे ।
दूर ना जाना कभी साथ रहना हमे । मंजिल तो एकही है पर खोना नहीं है तुम्हे । Sanjay R.
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