Tuesday, September 17, 2019

" याद "

कैसे रखु मै तुमको
करीब दिलके ।
ज्यो याद बार बार
आती हो ।।
अबतो तुम्हे दिलही
बना डाला ।
और याद दिलको
आती हो ।।

लागता था एक सपना
खोने का डर ।
और भुलनेकीं जो
आदत थी मेरी ।।
अब सपना ही मैने
सजया दिलमे ।
न तुटता, न भुलता हु
और तुम हो मेरी ।।
Sanjay R.

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