Sunday, June 15, 2014

" सुख "

बांधीला महाल मोठा
खरच का माणसा
सुखी तु जाहला ।
कष्टान सवारली झोपडी
स्वप्न त्याची बघा
खरेच पुरी जाहली ।
Sanjay R. 

याद तो हम आपको
हर लमहा करते है ।
बाते कितनीभी करे आपसे
तनहा ही लगते है ।
Sanjay R.   

No comments: