Friday, June 13, 2014

" कुछ तो नाम दो "

दोस्त हमारे ऐसे
शादीशुदा जो हुवे
वो खो गये ।
बचे थे जितने बाकी
वोभी तो सो गये ।
हमेहो अब निंद नही आती
क्ख्वाब हमारे कौन ले गये ।
Sanjay R.

छुना तो हम भी चाहते है
मगर आपके दिलको ।
कब तक दबाये रक्खे
हम अपने इष्कको ।
बढ रही बेकरारी अब
कुछ तो नाम दो
हमारी आशिकीको ।
Sanjay R.

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