Tuesday, April 16, 2019

" आस "

तुझेच वेड मज
हे का कसे लागले ।
करतो विचार तुझाच
मन तुझेच जाहले ।

ओढ अंतरात तुझी
आस तुझ्या भेटीची ।
हरली तहान भूक
उरली तूझ्या प्रीतीची ।

शब्दात तुझ्या शोधतो
माझा मीच कुठे आहे ।
आभास जेव्हा होतो
हृदयात तू माझ्या आहे ।
Sanjay R.

Monday, April 15, 2019

" तारीफ "

ये दिल क्या कहता है
मैं सोचू कुछ और ।
करता कुछ और पर
चाहता दिल कुछ और ।

'तेरी तारीफ मे कही
शब्द मेरे कम ना पडे ।
हर अदा तुम्हारी क्यू
दिलको हमारे छेडे ।

आपमें वो जादू है
चाहे जो हमे बना दो ।
बस पनाह दिलमे देना
और ईश्कमे खो जाने दो ।

दिल तो है एक परिनदा
आसमान छुने की आस ।
पल भर मे जब लौट आये
देखो चल रही है सास ।
Sanjay R.

Sunday, April 14, 2019

" हवा के संग "

पता तो पात्तोंको भी नही पता
कब  कैसे वह छूट जायेंगे ।
फिर भी हिलते है संग हवाके
सोचते हम भी हवा हो जायेंगे ।
Sanjay R.

" तू "

स्वप्न तुझी सारीच
दे ओंजळीत माझ्या ।
होतील सारीच पूर्ण
घे हात हातात तुझ्या ।

माझेही आहे एक स्वप्न
परी तू त्या स्वप्नांतली ।
फुलविल हास्य गाली
राणी तूच मनातली ।

अंतरात माझ्या तू
विचारात ही तू ।
शोधतो मी जेव्हा तुला
होऊन शब्द येतेस तू ।
Sanjay R.

Saturday, April 13, 2019

" कभी "

तुम हो सपना कहू मै अपना
भूल तुम जाना ना कभी ।
यादोमे ही तो जिते है हम
छोड तुम जाना ना कभी ।
छोडकर जाते है लोग सब
पर तुम भूल जाना ना कभी ।
सुई वक्त की दौडती है कितनी
रुकती नहीं फिर भी वह कभी ।
जीस राह पे हम चल पडे
काटे कितने न सोचा था कभी ।
चलना है सांस के अंतिम  तक
बस छोडकर जाना ना कभी ।
Sanjay R.