याद है तुम्हे
एक रोज जब
थे हम साथ साथ
लिये हाथो मे हाथ ।
हुयी थी थोडी रात
और आई थी बरसात ।
कप कपा रहे थे दात
तबभी दीया होठो ने साथ ।
दील को हुवा कुछ संतोष
होठोने की जब बात ।
आजभी लीये उन शब्दोको
जी रहे हम साथ साथ ।
Sanjay R.
Friday, December 18, 2015
साथ साथ
जिंदगी हमे जीना है
मिला है जब जनम हमे
जिंदगी तो जीनी है ।
एक दीन मौत को भी तो आना है
साथ उसके भी हमे जाना है ।
तब तक दील जो भी चाहे
वो सब कुछ हमे करना है ।
दो चार दीन कुछ
मील जाये अगर जादा
वो भी हमे जीना है
Sanjay R.
Sunday, December 13, 2015
" जिंदगी "
जिना मरना सच है यारो
कोई उसको दिलसे पुकारो ।
षास तुम्हारे वो है यारो
जिवन अपना उसीका प्यारो ।
सुख दुख इसमे तुमही सवारो
जिंदगीसे तुमकभी ना हारो।
Sanjay R.
बघ जरा फोटोत
हीच तुझी अदा
फिरवते भोवती तुझ्या ।
कुणास ठाव कधी
एक नजर तुझी
घर करेल ह्रुदयात माझ्या ।
Sanjay R.
Saturday, December 12, 2015
" गणित जिवनाचे "
आयुष्यच्या गणीताची
बेरीज वजा बाकी काही करा ।
गणीत मोठे जरी असले तरी
मनातला अंक मनातच धरा ।
गुणाकार भागाकार यात
मुख्य स्थानी शुन्यच खरा ।
सोडा सारे गणीत आता
उचलु सारे जिवनाची धुरा ।
Sanjay R.
सबकुछ पाया हमने
ना हुवा कुछ कम ।
फिर भी ये दिल न भरा
अबभी दिलको है कुछ गम ।
दुख दर्दसे भरी यह जिदगी
जबभी देखो आखे भी नम ।
दो चार लब्ज और एक हसी
यही है चाहत जागेगा दम ।
Sanjay R.
बघुन तुझी अदा
मन झाले फीदा ।
विसरु कसा सांग तुज
आठवणीत तुच सदा ।
का कशी हरवलीस तु
मनी माझ्या हीच व्यथा ।
Sanjay R.
Monday, November 30, 2015
स्त्री जन्म
का हा असा
दिला जन्म आम्हा ।
भरलाय यातनांनी
कसा वर्णु तुम्हा ।
जन्म गेला
भोग भोगात दुरगुणा ।
नको देउ स्त्री जन्म
सांगते पुन्हा पुन्हा ।
Sanjay R.