माझ्या कविता - By Sanjay Ronghe
याद है तुम्हे एक रोज जब थे हम साथ साथ लिये हाथो मे हाथ । हुयी थी थोडी रात और आई थी बरसात । कप कपा रहे थे दात तबभी दीया होठो ने साथ । दील को हुवा कुछ संतोष होठोने की जब बात । आजभी लीये उन शब्दोको जी रहे हम साथ साथ । Sanjay R.
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