" माझे मन "
माझ्या कविता - By Sanjay Ronghe
Friday, July 29, 2022
सपना
तुझे पाने का
था सपना मेरा ।
रात अंधेरी है
कब होगा सवेरा ।
रातभर तडपा
अंधेरेसे घेरा ।
तोडकर लौटा
चांद का पहेरा ।
अब भी है सूरज
छिपाये चेहरा ।
बादल है बांधे
बारीश का सेहरा ।
Sanjay R.
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