माझ्या कविता - By Sanjay Ronghe
दिलने जब तुम्हे याद किया । तब तब हमने तुमको पाया ।
दिलमे है रक्खा बस एक साया । हो वह तुम या तुम्हारी छाया ।
कौन अपना कौन पराया । तुमही तुम हो मेरी काया । Sanjay R.
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