माझ्या कविता - By Sanjay Ronghe
दिलमे उमंग एक तरंग । सफर चांदका चांदनीके संग । होतेही सवेरा सुरजका रंग । चले दो कदम सपना भंग । आसमा निला बादलोकी जंग । चल दिये फिर हवाके संग । फिर उमंग फिर तरंग । Sanjay R.
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