माझ्या कविता - By Sanjay Ronghe
लगता मुझे है प्यारा गुलाब । कोमल फिर भी है इसका रुबाब । रंग है कितने क्या कहे जनाब । खिलता है काटोमे तबभी ना है इसका जवाब । भर देता है प्यार करे जिंदगी लाजवाब । वाह वाह क्या गुलाब मेरे प्यारे प्यारे गुलाब । Sanjay R.
Post a Comment
No comments:
Post a Comment