Saturday, April 30, 2016

" कुछ वादे कुछ इरादे "

भावनांना नसते भाषा
तयासी प्रेमाची आशा ।
सोडुनी सार्या निराशा
धावते मन दशदिशा  ।
Sanjay R.

कभी उनकी यादे
कभी उनके वादे  ।
दिलमे न कोइ उमंग
न रहे कोइ इरादे ।
जिते जागते है हम
पिठपर बोझ लादे ।
अबभी चाहते उनको
कोइ उन्हे याद दिलादे ।
Sanjay R.

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