Saturday, August 29, 2015

अरमान

जब बात दिलकी हो
तो दिलको कैसे समझाये ।
अपनोको कहकर देखा हमने
अबतो सपनेभी खो गये ।
Sanjay R.

दुरही रहना
ये हसीन गोरी ।
टुटेंगे अरमान
बनी रक्खो दुरी ।
हसरते ना होगी
कभी भी पुरी ।
संभालो दिलको
न चलाओ छुरी ।
जालीम है दुनीया
सोच उनकी बुरी ।
Sanjay R.

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