Tuesday, August 11, 2015

" हसरत मेरी "

हसरत है दिलमे
चांद को पानेकी ।
चांदसा चेहरा आपका ।
उसीमे खो जानेकी ।

झुम उठते हम
तेरी हर अदा देखके ।
मन भी मुस्कुराता
बस यादोमे आपके ।

कैसे कहे हम आपको
कछभी न रहा अब बसमे ।
खोना भी नही चाहते
हर सांस हवाले आपके ।
Sanjay R.

असतील कदाचीत
पुर्व जन्माचे बंध ।
या जन्मात अजुनही
दरबळतो त्याचा गंध ।
दे सोडुन विचार सारे
होउ या जिवनात धुंद ।
आहेत दुखः डोंगरभर
त्यातुनच उचलु आनंद ।
Sanjay R.

कैसे कहु तुझे मै दिलकी बात
यादोमे जब मै खो जाता हु ।
तु मुझमे और मै तुझमे साथ साथ
तेरेही सपनेमे मै सो जाता हु ।
Sanjay R.

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