ना करना याद तुम
भूल जाओ वह पल अब ।
अब भी हो दिलमे मेरे
पास तुम आओगी कब ।
मिटा दो वह दुरी
पास अब भी है हम ।
तुटने दो इंतजारकी घडी
ना करना कभी तुम गम ।
आओ पास आओ तुम
भर लो अब थोडे रंग ।
भूल जाओगे सारे गंम
जब होंगे हम संग संग ।
Sanjay R.
ना करना याद तुम
भूल जाओ वह पल अब ।
अब भी हो दिलमे मेरे
पास तुम आओगी कब ।
मिटा दो वह दुरी
पास अब भी है हम ।
तुटने दो इंतजारकी घडी
ना करना कभी तुम गम ।
आओ पास आओ तुम
भर लो अब थोडे रंग ।
भूल जाओगे सारे गंम
जब होंगे हम संग संग ।
Sanjay R.
मै कौन हु, कौन हु मै
क्या अजनबी हू मै ।
या कोई पहचाना हू मै
आपसा ही तो हू मै ।
फिर भी सोचता हू
क्या इन्सान हू मै ।
मै मै के पीछे पीछे
देखो कैसे भगता हू मै ।
कोई आगे कोई पीछे
आसमान कॊ छूता हू मै ।
करीब हू दिलके मगर
नही दिलको जानता हू मै ।
अपनोको अपना मानता हू मै
स्वार्थ के लिए मै ही चुनता हू मै ।
भूल जाता कौन हू मै
रक्त का प्यासा कभी बन जाता हू मै ।
नही याद राहता मुझे
मै के वास्ते कुछ भी कर लेता हू मै ।
इन्सान हू मगर
इन्सानियत ही तो भूल जाता हू मै
Sanjay R.
तू आणि मी बस दोघंच
आला विचार सहजच ।
चांदणी दूर आकाशात
वेड लाविते मनात ।
बघायचं तुझ्या डोळ्यात
हसायचं थोडं गालात ।
ये ना सखे जवळ ये
दे हात माझ्या हातात ।
Sanjay R.
गुलाब तू मोगरा तू
चाहुकडेची आनंद ।
फुलली तू हसली तू
हवाही झाली बेधुंद ।
शिरलीस तू श्वासात जेव्हा
चढली नशा मंद मंद ।
मोहरले कण कण सारे
संग तुझ्या मी बेधुंद ।
मिठीत माझ्या येताच तू
तुटून गेले सारे बंध ।
गळून पडल्या पाकळ्या परी
भरला मनात सुगंध ।
Sanjay R.