" माझे मन "
माझ्या कविता - By Sanjay Ronghe
Wednesday, June 19, 2024
अधीर हे मन
अधीर किती हे मन
थांबेना एकही क्षण ।
सदा आस कशाची
अनमोल कुठले धन ।
Sanjay R.
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