Tuesday, October 9, 2018

" नजरे उदास थी "

आसुओकी एक बुंद
उनकी आखोमे थी ।
फिरभी आपके खातीर
चेहरेपे मुस्कान थी ।।

आखोमे उनके
लाखो अरमान थे ।
ताकते रहे चेहरा
नजरोसे अनजान थे ।

सपनो भरी दुनिया
बसी आखोमे थी ।
न जाने नजरे
फिर भी उदास थी ।
Sanjay R.

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