लंगड्या गायीत वासरू शायन
घेतला लिचोंडा का मनते
आई याले पायान ।
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शाना लय बापू
हुशारी दावते
लंगडा असूनबी दुडु दुडु धावते ।
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हुषार लय भारी मलेबी कयते
हुशारी पाऊन त्याची
मन मालं जयते ।
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छटाकभर लेकाचा
देते निसत्या धवसा आनं
जयुन जयुन पहा झाला कोयसा ।
Sanjay R.
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