Saturday, December 17, 2016

" निंद न आवे "

निंद न आवे मोहे
याद तोहरी सताये ।
काहे दुर न जावे
मेरे सपनेमे आये ।
इक नजर देख तुझे
दिल चैन मेरा पाये ।
तुझ बिन मोहे
कुछ भी न भाये ।
Sanjay R.

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