काला है अंधेरा
उसका दिल भी कला ।
देखे सुरज जबभी
झुम उठता उजाला ।
Sanjay R.
पावसालाही कळल दिसत
नको तिथ बरसतो मस्त ।
वाट पाहताहेत शेतं तळी
बळीराजा झालाय त्रस्त ।
Sanjay R.
देखो जिंदगी
है ये मेहमान ।
कब निकल ले
पता नही ।
जब तक है
साथ अपने ।
कर लो
पुरे अरमान ।
Sanjay R.
No comments:
Post a Comment