Sunday, September 2, 2018

" मानुस किती कसा "

मानुस आता कसा
मानूसकीच इसरला ।
स्वार्थापायी सांगा
किती तो बिथरला ।

माणूस माणसाचेच
वढते मांग पाय   ।
नको वाटे त्याले
सख्खे बाप माय ।

मान पान इज्जत अब्रू
ठिवली त्यानं गहान  ।
म्हने ज्ञानी मोठा झालो
हावो मीच महान ।

चोरी चकारी भ्रष्टाचारी
तिकडच त्याच भान ।
लुटारू मी किती मोठा
थेच त्याची शान ।
Sanjay R.

Saturday, September 1, 2018

" नाम जी ने का "

जिंदगी है नाम जी ने का
भूल जावोगे दर्द सिने का ।
होगा सच सापना भी बस
दिलसे दिलको छु ने का ।
Sanjay R.

Wednesday, August 29, 2018

" कळी "

कोमळ सुंदर
आहेस तू कळी ।
गुंतले मन बघून
गालावरची खळी ।
आठवण ही तुझी
किती मला छळी ।
हवी हवी वाटे मला
फुलाची पाकळी ।
Sanjay R.

" वजाबाकी "

जीवनात चाले रोजच
बेरीज आन वजाबाकी ।
आनंदात जगून पहा
आयुष्य चार चाकी ।
Sanjay R.

Tuesday, August 28, 2018

" चलो चले एक कदम "

चलो चले एक और कदम
दूर नही है ज्यादा अब हम

पहले तो थे ईव्ह और आदम
विकसित हो गये सारे हम

ज्ञान विज्ञान हर कदम
बना लिये है विनाशकारी बम

कर लेंगे विनाश खुद्दका
किसको क्या है इसमे गम

चलो चले एक और कदम
दूर नही है ज्यादा अब हम

दुनियाभरमे एक ही अहम
दिखा रहे है अपना दम

सब कुछ पाया फिरभी कम
डर का साया कदम कदम

भुके प्यासे क्या है कम
देखो उनकी आखे नम

चलो चले एक और कदम
दूर नही है ज्यादा अब हम
Sanjay R.