छेडीता एक सतारीची तार
उठते स्वरांची झनकार ।
बहरती दिशा चार
दिमतीला आनंद अपार ।
Sanjay R.
Wednesday, May 3, 2017
Saturday, April 29, 2017
Friday, April 28, 2017
याद
देखकर तस्वीर तुम्हारी
दिल मेरा बहक जाता है ।
सारा दिन फिर यादोमे
वक्त युही चला जाता है ।
झलकभी कही दिखे तुम्हारी
दिलको सुकुन मिल जाता है
Sanjay R.
Thursday, April 27, 2017
बहकने दो हमे
युही बहकने दो हमे
देखके तुम्हारी आखोमे ।
भुल जायेंगे दुनीया सारी
लिये हात तुम्हारा हातोमे ।
Sanjay R.
डर
लेकर क्या आये थे हम
जो लुटनेका डर सताता है ।
लुट जाने दो सारा जहां
अभी दुनिया बहोत बाकी है ।
Sanjay R.
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