माझ्या कविता - By Sanjay Ronghe
नायनो से जब मिले दो नायन ।
बढती दिलकी थोडी धाडकन ।
झूम उठे फिर तन बदन ।
धधगती ज्वाला बेकाबू मन ।
ईश्क की आहत सुंदर गगन ।
रिमझिम बारसे काले घन । Sanjay R.
Post a Comment
No comments:
Post a Comment