ढल गया दिन
हो गयी रात
न जाने कब होगी
उनसे मुलाकात ।
आज दिलमे है
कुछ मनकी बात ।
चांद को मीला
चांदनी का साथ ।
मिले जब दोनो
हातो मे हात ।
ढल गयी रात
अधुरी मुलाकात ।
दिल मे रह गयी
दिल की बात ।
साथ सुरजके
फिर एक शुरुवात ।
कब होगी रात
होगी कब मुलाकात ।
Sanjay R.
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