Monday, May 22, 2017

" फितरत "

याद तुझे मै करता हु
दिल मे आह भरता हु
तुट न जाये सपना मेरा
यही चाहत रखता हु

चढे हम पुलपे उम्मीदोके
यही हमारी फितरत है ।
गुलाब मेभी होते है काटे
फिरभी चाहनेवाले
कहा कम होते है ।
Sanjay R.

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