माझ्या कविता - By Sanjay Ronghe
मेरे ख्वाबो की है तु एक परी । कम कब होगी हमारी यह दुरी । हातोमे हात हो यही चाहत मेरी । वक्त तुही बता कब होगी हकिकत पुरी । Sanjay R.
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