माझ्या कविता - By Sanjay Ronghe
तरस गये थे हम बस एक नजर देखने तुम्हे । बडी उम्मीदोसे आये थे हम मुलाकात के बहाने । पर लौट आये मायुससे अब देखते सीर्फ तस्वरमे तुम्हे । हो जाते अगर दिदार आपके तो दिलमे बहार आ जाती । लफ्ज खुद ब खुद करते बयां और कविता कुछ कह जाती । Sanjay R.
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