Tuesday, January 17, 2017

" परी हो तुम "

नन्ही सी नाजुकसी
कोमल परी हो तुम ।
देखा था सपना
बस वैसीही हो तुम ।
चंचलसी आखे ओर
हलकीसी मुस्कान ।
लगती हो जैसे
रोशन हुवा आसमान ।
Sanjay R.

नजर तुम्हारी
दिलमे बहार ।
रंग गुलाबी
चेहरे पे निखार ।
रेशमसी जुल्फे
ओठो पर प्यार ।
चाहत हमारी
दिन रात हो दिदार ।
दिलमे उठती
उमंगे हजार ।
एक मुस्कुराहट और
खुशीयो की बौछार ।
तुम और हम
बस प्यार ही प्यार ।
Sanjay R.

सुर्याचा जेव्हा
चढतो पारा ।
नकोसा जिव
आणी
घामाच्या धारा ।
वाहतो गार
झुळझुळ वारा ।
गार गार वारा
थंडीचा शहारा ।
देतो उब
पेटता निखारा ।
मनाच्या गाभार्यात
विसावतो तारा ।
Sanjay R.



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