माझ्या कविता - By Sanjay Ronghe
आपकी हर अदापे मर मीटे थे हम । हुवे थे आपके जादा और खुदके कम । न थे कुछ सपने न थे कोइ गम । ओठोपे मुस्कुराहट आखे कुछ नम । अब भी वही चाहत तुम यादोमे सनम । Sanjay R.
Post a Comment
No comments:
Post a Comment