Sunday, September 28, 2014

" चला मंगळावर जाउ "

मंजील हो अगर एक
और हो रास्ते अनेक
ना हो मुसाफीर नेक
फिरभी देखो जरा
नही हम अकेले एक
Sanjay R.

नही खोनेको
कुछ पास मेरे ।
बस ले रहा हु
जिंदगी के फेरे ।
खो गये कही 
अब सपने  सारे ।
गिनता हु दिनमे
यादोके सितारे ।
Sanjay R.

मंगळावर करायचा
एक प्लाॅट बुक आता ।
टु बी एच के च बांधायचे
स्वप्न पाहाता ।
Sanjay R.

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