Thursday, September 20, 2018

" बाप्पा "

दिवस झालेत पाच
बाप्पा तुम्ही आलात
सकाळ सायंकाळ चाले
पूजा आरती घरात

प्रसन्न किती वाटतं
दिवस जातो आनंदात
रूपं तुमची किती
अवतरता मूर्ती रूपात

हात दोन्ही जुळतात तेव्हा
स्थान भाविकांच्या मनात
आनंद वाहतो ओसंडून
जाऊच नका विसर्जनात
Sanjay R.


" ले गये होश "

ले गायी तुम
क्यू हमारे होश ।
और पुछती हो
क्यू हम खमोश ।
इंतजार है दिदार का
दिल होता मधहोश ।
Sanjay R.

हम भी आएंगे
जरूर तब
न होगी आंधी
न होगा तुफान
होंगे तुम हम
और बस प्यार
Sanjay R.

आज तो कान भी
तरस रहे थे
सुनने को तुम्हारे
दो शब्द ।
बस तस्वीर देखते रहे
और खो गये
तुम्हांरी आखोमे ।
Sanjay R.

Wednesday, September 19, 2018

" जी लो जरा "

बात दिलकी हो तो
ह्दसे गुजर जाते है लोग ।
जिंदगी यह है कितनी
दिलसे जी लेते है लोग ।

थोडा खुदभी हसलो
कूछ औरोकोभी हासावो ।
छोटीसी यह जिंदगी
प्यार कुछ तो जातावो ।

लौट के ना आएंगे ये दिन सारे
जी लो खुशी से हर एक दिन  ।
है सपनो की यह दुनिया
हंस हंस के जी लो हर दिन ।
Sanjay R.

Tuesday, September 18, 2018

" मायेचा सागर "

माय हाये माही मायेचा सागर
लेकरावर तीची भीर भीर नजर ।
सर न्हाई तीची कोणाले
करान कितीबी जागर ।
काळजालेच पहा इचरून
कसा फुटते पाझर  ।
जीवा परस केली तुही कदर
तवा झाला तू रे डगर ।
मोठ्ठा लय होय तू डगर वगर
पर भुलू नको तू माय चा पदर ।
ठिवजो बापू तिच्या मायेचा आदर
मांगनार न्हाई तुले थे तुह जिगर ।
Sanjay R.

Friday, September 14, 2018

" परछाई "

कभी यादे है सताती
तो कभी बाते रुलाती
परछाई तो है वह साथी
आंधी आये या तुफान
या हो तुम कही अंजान
कभी छोडकर नहीं जाती
बस साथ निभाती


देख अंधेरा थोडी घाबराती
पल भर फिर गुम हो जाती
देखकर उजाला फार लौट आती
जन्म का नाता पुरा निभाती
बस वही तो है अपना साथी
परछाई कभी छोड नही जाती
बस साथ निभाती
Sanjay R.