Thursday, January 20, 2022

प्यार

माँ कैसे भूल जाऊ
मेरे लिये तेरा प्यार ।

मै तो हु बहेता पानी
और तू नदी की धार ।

सुके ना कभी
ना रुके तू कभी ।

बस सोचती हो लगे
नैय्या मेरी पार ।

माँ कैसे भूल जाऊ
मेरे लिये तेरा प्यार ।
Sanjay R.


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