माझ्या कविता - By Sanjay Ronghe
माँ कैसे भूल जाऊ मेरे लिये तेरा प्यार ।
मै तो हु बहेता पानी और तू नदी की धार ।
सुके ना कभी ना रुके तू कभी ।
बस सोचती हो लगे नैय्या मेरी पार ।
माँ कैसे भूल जाऊ मेरे लिये तेरा प्यार । Sanjay R.
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