Wednesday, September 20, 2017

कोन पराया

यादमे उनके वह
आज खुब रोया ।
कल तक था साथ
आज कैसे खोया ।
रीश्ते नाते धागे कच्चे
कोन अपना कोन पराया ।
धुंड रहा अव भी दिनरात
साथ अपने अपना साया ।
Sanjay R.

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