माझ्या कविता - By Sanjay Ronghe
यादमे उनके वह आज खुब रोया । कल तक था साथ आज कैसे खोया । रीश्ते नाते धागे कच्चे कोन अपना कोन पराया । धुंड रहा अव भी दिनरात साथ अपने अपना साया । Sanjay R.
Post a Comment
No comments:
Post a Comment